Tuesday, May 24, 2011

मेरी बेटी

मेरा नाम राहुल है , आज मेरी बेटी डॉक्टर बनकर घर वापस आई है , मेरा मन खुशी को बटोर तक नहीं पा रहा है ,  पर एक ऐसा भी दिन था , जब मेरे परिवार वाले इससे छुटकारा पाना चाहते थे , कई साल पहले मैं और मेरी पत्नी स्नेहा बच्चे के लिए प्रयास कर रहे थे , पर सब कुछ के बाद भी हमे संतान नहीं हुई , फिर हमने एक बच्चा गोद लेने के लिए सोचा , पर हमारे समाज में बच्चे को गोद लेना सही नहीं माना जाता है , फिर सबके मना करने के बाद भी हम एक प्यारी सी बच्ची को घर ले आये , हमने प्यार से उसका नाम मोहिनी रखा , हम उसको हँसते , खेलते देखते तो हमे ऐसा  लगता की हमे सब कुछ मिल गया , हमारा संसार जो पूरा हो गया था , पर शायद ये हमारा  पूरा घर भगवान् को स्वीकार नहीं था , एक दिन जब मैं ऑफिस में था , तो मुझे एक कॉल आई , उन्होंने मुझे से कहा की मिस्टर राहुल आपकी पत्नी का एक्सिडेंट हो गया है , वो आई .सी .यू  में भर्ती  हैं , मैं भागकर हॉस्पिटल  पंहुचा तो माँ ने बताया , की स्नेहा को नहीं बचाया जा सका , मैं वहीँ बेहोस होकर गिर पड़ा , जब मैं होस में आया तो पूरे परिवार वाले मोहिनी को इसका दोषी बता रहे थे , वो कह रहे थे वापस छोड़ आओ इस मनहूस को , मेरे आंसू गिरे जा रहे थे , तभी सबके बीच में से मोहिनी मेरे पास आई और पापा कह कर मुझे माथे पर चूम लिया , मैंने उसकी आँखों  में देखा , उसकी आँखों में एक अजीब से चमक थी , अब मुझे मालूम था की मुझे क्या करना है .