Thursday, February 4, 2010

आम आदमी बनाम ताकतवर

कभी कभी आम आदमी के बारे सोचता हूँ , इन दो शब्दों को ध्यान से देखिये इनमे आपको मजबूरी नजर नहीं आती " आम आदमी " क्या है ये आम आदमी! सोचिये ? नहीं समझ में आ रहा, मैं बताता हूँ , दरसल आम आदमी हर वो आदमी है , जो जीना चाहता है , इसके लिए वो प्रयास करता , मेहनत करता है और भगवान् से रोज प्रार्थना करता है की वो सपना पूरा हो , वो चाहता है की वो जिन्दा रहे , उसके बच्चे जिन्दा रहे ,उसके चाहने वाले जिन्दा रहे , और ना ही वो जिन्दा रहे वो खुश  भी रहे , इसके लिए अगर उसके कुछ समझौते करने पड़े तो वो भी वो ख़ुशी से करता है , लेकिन दिल में कही उसके ये बात जरूर रहती है वो कमजोर है , वो समाज के ताकतवर लोगों की कृपा पर जिन्दा है , मानव इतहास उठा कर देखें तो आप पायेंगे इन ताकतवर लोगों ने हमेशा इन कमजोर आम आदमियों की खुशियों को कुचला है , बिना वजह किसी गलती के ये आम आदमी ही शिकार बनता है , और ये  जो ताकतवर शब्द है ये भी विचारनीय शब्द है , दरसल इसी शब्द के चक्कर में तो ये दुनिया पागल है , हर कोई ताकतवर बनना चाहता है ,  इसी  शब्द ने पूरी दुनिया में जो तबाही मचाई है और वो इतिहास में दर्ज है इसमें कोई दो राय नहीं है , और सबसे बड़ा शिकार आम आदमी ही रहा है , दरसल ज्यादातर  ताकतवर लोगों से मुझे घृणा है , मेरी राय में उनकी सनक , उनका छोटा दिमाग ,दिल, इस आम आदमी की हालत का कारण रहा है , मैं इतिहास में ज्यादा पीछे नहीं जाऊँगा , पिछली सदी में हुए दोनों विश्व युध , जर्मनी में यहूदियों का नर सिंघार , भारत में हुए बटवारे के वक़्त हुए दंगे ,और बाद में हुए युध , दंगे , आतंकवादी घटनाएं कुछ सनकी ताकतवर लोगों का नतीजा हैं , फिर भी हम उसे भूल गए , अब भी हमें इनसे घृणा नहीं हुई है , हमने अभी तक उनसे सीख नहीं ली है , मैं  अपने देश के इतिहास पर बहुत गर्व नहीं करता ,पर मुझे अपने भविष्य के लिए जो इतिहास बनाना है उस पर आगे लोग गर्व कर सकें , और वो इतिहास इन ताकतवर सनकियों  से मुक्त होगा , हमे ऐसा भारत बनाना है जिसमे आम आदमी कमजोर नहीं ताकत वर हो . पर इसके लिए आम आदमियों को नीद से जागना होगा , इसलिए जागो  और आगे बढ़ो , और ऐसे घटिया ताकतवर लोगों का मुह तोड़ दो .

1 comment:

Udan Tashtari said...

बनाओ इतिहास, शुभकामनाएँ.