आज काफ़ी दिन बाद मन किया की चलो कुछ ब्लॉग पढ़ें , उन्हें पढ़कर मुझे पूरा यकीं हो गया की कलयुग इस वक्त सबसे जायदा प्रभावी है , क्योंकि सभी तरफ़ से उस दुनिया के विनाश की कोशिशें जारी हैं जो उनके रहनें की जगह है , सब कहतें की हम दुनिया बचायेंगे ,क्यूंकि उसका तीस मार खान नुक्ता तो हमारे पास ही है , और सब तो चूतिया हैं , और बात यहाँ ख़तम नही होती , अब दुनिया को बचने से पहले उन दूसरे विचारों को ख़तम भी तो करना है ,अब तरीका कोई भी हो , कोई मुसलमानों को सबसे बेहतर बताता है कोई इसाई को तो कोई हिंदू को , तरीका एक की ' खूब सारे जानकारियां जमा करो ,उनका खूब जोर शोर से प्रचार करो और सीधे साधे लोगों को बेवकूफ बनाकर उनमे दूसरे विचारों के लोगों के प्रति घृणा पैदा करो ' , सभी धर्मों के संगठन कमोबेस यही तरीका अपनाते हैं ।मसलन मान लीजिये की दो व्यक्ति जैसे की एक पंडित और दूसरा कोई नीची जाती के वक्ती के बीच में किसी मामूली से मसले पर विवाद हो जाता है , अब किसी को विवाद पैदा करना है तो बस दूसरे जाती के व्यक्ति के बारे में जातीय (घ्रिनात्मक ) इतिहास बताकर विवाद पैदा कर दिया , इस बात में कोई शक नही है की भारत जैसे असाम्प्रदायिक देश में कई सारी ऐसे बातें हैं जो साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देती हैं , पर इसका हल आपस में लडाई नही , क्या हम पाकिस्तान या और मुस्लिम या किसी इसाई रास्त्र की तरह होना चाहते हैं , ये समय हमारे लिए मुश्किलों भरा जरूर हो पर हम सही रास्ते पर हैं । आप सभी से मेरा अनुरोध है की कृपया सही और ग़लत में फर्क समझें ।
धन्यवाद .
1 comment:
ऐसे ही समझाने आते रहा करो, या तो आप समझ लोगे या हम समझ लेंगे, अच्छा लिखते हो, दिल से लिख रहे हो,
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