Monday, November 23, 2009

लोकतंत्र बनता गुंडा तंत्र



गांधी जी  , सुभाष   चन्द्र  बोस , भगत सिंह जी जब हमारी आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे , तब उन्होंने सोचा भी नहीं था , की आज से पच्चास - साठ साल बाद उनके देश की ये हालत हो जाएगी की उनके बेटे -बेटी उनके नाम का इस तरह मजाक उड़ायेंगे . आज वो होते तो वो खूब फूट फूट के रोते . जिन्होंने अपनी हर एक स्वास , अपने शरीर के   खून की एक -एक  बूँद इस देश को बनाने में लगाई , आज उसकी बेटे - बेटी उसे तोड़ने में लगे हैं , बाला साहब  ठाकरे को कौन समझाए की तुम जैसा सोचते हो , वैसे जिन्नाह  भी सोचता था , अब तुम्हे सचिन महारास्त्र का भक्त नहीं लगता तो कोई बात नहीं क्योंकि वो देश भक्त है और उसने अपने  देश को एक दो बार नहीं सैकड़ो बार गर्वित किया है , और तुम शायद भूल गए हो की मुंबई इस देश का ही एक हिस्सा है . वो क्रिकेट खेलता है , और उस जरिये से उसने देश की जो सेवा करी है उसका अंस मात्र भी तुम राजनीती में रहते हुए इस देश के लिए कर पाए हो तो बताओ , वर्ना अपना ये सडा   मुह बंद रखो , अरे इतनी ही चिंता है महारास्त्र वासियों की तो विदर्भा भी तुम्हारे राज्य में आता है , उनके किसानो के लिए करो , अरे छोड़ो तुम तो अपने मराठी भाइयों  के लिए भी कुछ नहीं कर पाए , मुझे शर्म आती  है की गाँधी के देश में तुम जैसे कपूत हुए . अब मुझे लगता है लोकतंत्र का नाम तुम जैसे लोगों  की वजह से गुंडा तंत्र रख देना चाहिए . आगे और भी ,............................................................................................................................................................................................

2 comments:

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