my blog is mutiny against all conventional old things , which is a baggage to a common man .hence it is my voice against all untruthful things happening in the society .
Wednesday, December 2, 2009
धरम और जाति के ताबूत पर कील हम जैसे युवा गाड़ेंगे .
आज फिर मन किया थोडा जहर उगलें अरे डरिये नहीं, अरे ये जहर उनके लिए है जो अपने आप को कुछ ख़ास समझते हैं , एक भाई जान है मेरे घर के पास ही रहतें हैं पढ़े लिखे हुए हैं , इंजिनियर हैं अच्छी जगह काम करतें हैं कुछ हाँ में हाँ मिलाने वाले लोग भी हैं उनके इधर उधर , थोड़ी बड़ाई कर दो तो कहतें हैं अरे हम तो बस एक साधारण इंसान हैं , पर कई सारे काम करते हिचकते हैं कहतें हैं ये काम नहीं कर सकते , अरे उनकी इंजिनियर बॉडी पर सूट नहीं करेगा न , और धरम , जाति , और कई मुद्दे पर बेबाकी से कहतें है में ये सब कुछ नहीं मानता , पर क्या करून माँ , पिता जी को दुखी नहीं कर सकता , ऐसे लोगों से भरा पड़ा है हमारा समाज , कहने को सब समझते हैं पर कुछ नहीं समझते , अब दुसरे तरह के लोग हैं वो भी मेरे दोस्त हैं , उनसे बात करो की किस तरह धर्मों का स्वरुप कट्टरता को बढ़ावा देता और उन्हें उनके धर्म की गलतियां बतानें लगो तो इसे एक दम नकारते हुए वो लोग तुरंत मेरे धरम की कमियां गिनाना चालू कर देते हैं , जैसे की कभी किसी व्यक्ति से अपनी परेशानी की बात करो तो किस तरह वो अपनी परेशानिया बतानें लगता है और दुसरे की परेशानियों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है , ये आदमी का स्वभाव है चाहे जितनी कोशिश कर लो वो अपना कमीना पन छोड़ने से साफ़ मना कर देता है मुझे लगता है लोग सच सुनना पसंद नहीं करते , हर जगह सभी गधे पन की बड़ी बड़ी मिशालें खड़ी करने में लगें हैं , हर कोई अपने गधेपन को दूसरे के गधेपन से ऊचा दिखाने में लगा है , अरे भाइयों पढ़े लिखे हो थोडा इंसानों जैसा बर्ताव करो , ये क्या हिन्दू मुस्लिम , ईसाई , पंडित, ठाकुर लगाए बैठे हो . चलो कोई बात नहीं हम जैसे युवा इस धरम ,जाति को ख़तम करके इसकी ताबूत में कील गाड़ेंगे . अब वो दिन दूर नहीं . साथ में आ जाओ वर्ना भविष्य तुम जैसे लोगों का स्वागत नहीं करता .
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1 comment:
बहुत सही । हमारी तरफ से भी कीलें इस ताबूत पर । लेकिन देखियेगा ताबूत खाली तो नहीं है ।
फान्ट बढा दीजिये तो बेहतर हो ।
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