Wednesday, April 7, 2010

हिन्दू , इस्लाम , और इसाई धर्मों की कमियां




आज काफी दिन बाद मैं कुछ ब्लोग्स पढ़ रहा था , मुझे ये देख कर आश्चर्य होता है , की लोग किस तरह उन चीजों को मान रहे , जिसका एक आदमी के जीवन से कोई लेना देना नहीं है , हर बार तरह इस बार भी  मेरा हमला विभिन्न धर्मों , जातियों और विचारों पर हैं जिनके पीछे किसी भी तरह की सोच नहीं है , उनसे घृणा , इर्ष्या , अज्ञानता की बू आती है , इस बार मैं हर धर्म के कुछ पहलूँ को उठाऊंगा , हमारे धरम में दान देने बहुत अच्छा माना जाता है , जब भी कोई विशेष अवसर होता है तो लोग ऐसा करते भी हैं , पर कहाँ ? बड़े -बड़े मंदिरों पर हर साल अरबों का चढावा चढ़ता है , जिस देश में बड़ी आबादी को खाने को लाले हों , उनको अनदेखा कर के कुछ मठों , और मथाधीसों को मोटा करना कौन सा धार्मिक काम हैं , जातियों पर पहले भी काफी कुछ कह चुका हूँ , जातियां हमारे पूर्वजों की सबसे बड़ी मूर्खता थी इसमें कोई शक  नहीं है . अब आता हूँ इस्लाम पर , बुरका प्रथा से मुझे काफी ऐतराज है, मैं मानता हूँ की ये प्रथा महिला समाज के प्रति घोर  अमानवीयता  को दर्शाता है जिसका जितना हो सके उतना विरोध होना चाहिए , अब मैं आता हूँ हमारे देश के तीसरे प्रमुख धरम इसाई धरम पर , इनके अंदरूनी मामलों की जयादा जानकारी मुझे नहीं है, पर इनकी मिसनरीज जिस तरह से काम करती है , वो अच्छा नहीं है , वो ये मानने  से इंकार करते हैं की वो धरम परिवर्तन  करवाते हैं , पर ये सच्चाई है , मुझे धरम परिवर्तन से भी कोई समस्या नहीं है , पर उनके तरीके में जरूर है , वो जयादातर दलित , भील जाति के लोग या गरीबों लोगों को अपना निशाना बनाते हैं , और दुःख की बात ये है की वो अन्य धर्मों के लोगों के खिलाफ घृणा भी भरते हैं .वैसे धरम परिवर्तन भी एक छोटी  सोच है .
मैं इन सभी लोगों से कहना चाहूँगा  की मेरे मन किसी भी धरम के प्रति  घृणा  नहीं है . और मैं चाहता हूँ की विश्व एक शांति  जगह बने . ना की युध भूमि . .

6 comments:

Jandunia said...

अच्छी बात उठाई है। हम आपकी बातों से सहमत हैं.

अज्जु कसाई said...

अच्छी बात उठाई है। हम आपकी बातों से सहमत हैं.

विवेक सिंह said...

धर्म अपने आप में स्वयं एक कमी है । इस अवधारणा में ही खोट है कि धर्म दो हो सकते हैं ।

Taarkeshwar Giri said...

VERY NICE

Anonymous said...

Tum chate hindu aur angrejo ki trah muslim ladkiya bhi chote chte nange kapde phne . Sadi phnti hai aadha pet dikhta hai . Hum muslim yuhi aache hai

Anonymous said...

Tum chate hindu aur angrejo ki trah muslim ladkiya bhi chote chte nange kapde phne . Sadi phnti hai aadha pet dikhta hai . Hum muslim yuhi aache hai