Monday, January 18, 2010

एक बच्ची की अद्दभुत कहानी और हमारे लिए कुछ.

आज कुछ सोचते सोचते अचानक एक कहानी याद आ गयी तो मैंने सोचा की चलो इसे अपने देश वासियों के साथ बाटूँ .

दरसल ये कहानी है एक नौ साल की  एक अमेरिकन लड़की की है  जो पोलियो ग्रस्त थी , अपने साथियों को स्कूल में दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेते देखा तो अपने स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर से कहा की मैं  भी इस दौड़  में हिस्सा लेना चाहती हूँ  , टीचर ने बिना कुछ सोचे समझे  उससे कहा की अगर तुम दौड़ना चाहती हो तो तुम दौड़ो , वो लड़की दौड़ी और आखरी आई , फिर भी वो दौड़ना चाहती थी तो उस टीचर ने उसे मना नहीं किया और कई बार दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद जानते हैं उस लड़की ने  उन्नीस साल की उम्र में क्या हासिल  किया , वो ओलंपिक्स (१९५८) में दौड़ी और चार स्वर्ण पदक जीते , यही कारनामा उसने फिर से १९६२ में दोहराया , अब आप सोच रहे होंगे वो सामान्य व्यक्तियों का ओलंपिक्स नहीं होगा तो आप गलत हैं उसकी प्रतियोगिता आप हम जैसे सामान्य लोगों से ही थी . 

अब आप सोच रहे होंगे आखिर मैं आपको ये क्यों बता रहा हूँ  , तो चलिए मैं बताता हूँ .
कारण नंबर एक सोचिये उनके माँ - बाप कैसे होंगे की अपनी बिटिया को पोलियो होते हुए भी दौड़ने दिया , अब भारतीय होते हुए हम आप , या हमारे माँ बाप क्या करते ?
दूसरा वो स्कूल टीचर कैसा होगा जो ये जानते हुए भी की वो लड़की दौड़ कर  जीत नहीं सकती फिर भी  दौड़ने दिया , हम आप क्या करते ?
अब वो लड़की जो बार - बार हारती थी फिर भी हार नहीं मानती थी . अब एक भारतीय होते हुए क्या हममे भी ऐसे लोग हैं जो ऐसा सोच सकते है , या ऐसा करने का साहस कर सकते हैं ?
अब सोचिये हम इतना पीछे क्यों हैं ?
चलिए मैं बताता हूँ , जो मैंने यहाँ देखा है , माँ -बाप के रूप में क्या हम ऐसा सोच सकते हैं , शायद नहीं  हम यहाँ पर उसे समझाने लगते की तुम नहीं दौड़ सकते , आदत हैं ना हमारी निरीह  दिखने की .
हमारे टीचर होते तो शायद डाट के ही भगा देते .
और उस लड़की जैसे भी हमारे यहाँ एक भी नहीं है वरना हम सौ अरब की आबादी के देश में ओलंपिक्स में एक भी स्वर्ण पदक नहीं ला पाते .
अब कई लोग कहेंगे भारत एक गरीब देश है यहाँ पर लोग रोटी ही खा ले बड़ी बात , लो कर दी ना भिखारी  वाली बात ! हम इतने कमजोर और निरीह क्यों हैं ?
दूसरा हमारे देश की काफी बड़ी आबादी गरीब है , लेकिन काफी बड़ी आबादी में लोग पैसे वाले भी हैं , उनमे से कोई क्यों नहीं आगे बढ़ता और देश का नाम रौशन करता ?
हमे पैसे से अमीरी का पता नहीं पर ये पता है की भारत में लोगों को दिमाग से काफी अमीर बनना है ,
सोचिये

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