my blog is mutiny against all conventional old things , which is a baggage to a common man .hence it is my voice against all untruthful things happening in the society .
Sunday, January 31, 2010
मैं आम आदमी हूँ आओ मुझे मारो
मैं आम आदमी हूँ , मैं किसी पार्टी का दिया हुआ नाम नहीं हूँ , मैं तब से हूँ जब से दुनिया बनी , मैं गवाह हूँ दुनिया के बनने , उसके आगे बढ़ने और उसके अभी तक के सफ़र का ,और मैं गवाह रहूँगा तब भी जब ये दुनिया ख़तम हो रही होगी , मैं तब भी था जब रामायण हुई , मैं तब था जब महाभारत हुआ , मैं दोनों विश्व युध का गवाह भी रहा हूँ , मैंने भारत का बटवारा भी देखा है , और उसके बाद की त्रासदी को भी देखा है , मैंने देखा बापों को अपनी ही बेटियों का सर कलम करते हुए , मैंने देखा है लाखों की संख्या में लोगों को गैस चैम्बर में घुट -घुट कर मरते हुए , और मैं आज भी गवाह हूँ उन सब त्रासदियों का ,आतंकवादी घटनाओ का , और बहुत कुछ का जो घट रही हैं , क्योंकि मैं ही हूँ जिसने ये सब झेला है , और झेल रहा हूँ , फिर भी अनजान हूँ , कोई मुझे नहीं जानता, कोई मेरी परवाह नहीं करता . इतना कुछ झेलने के बाद मेरे मन में कुछ सवाल हैं .
जब महाभारत हुआ हममे से कुछ ने पांडवों का साथ दिया , कुछ ने कौरवों का साथ , पता नहीं कितने करोणों लोग मरे गए , अगर पांड्वो ,कौरवों को जमीन के लिए लड़ना था थो खुद कहीं कट मरते ,हमें क्यों शहीद किया ,जब विश्व युद्ध हुए तब भी हम ही थे जिसने खोया , हमारे माँ -बापों ने अपने बेटों को खोया , हमारे बच्चों ने अपने बापों को खोया , हमारी बीबियों ने अपने पतियों को खोया . किसी एक सनकी की सनक से हम गैस चैम्बरों में झोक दिए गए , कुछ की सनक से बटवारा हुआ तब भी हम ही थे जिन्होंने सबसे ज्यादा झेला ,माओं ,बहनों की इज्जत लूटी गयी , बापों ने अपने ही बेटियों के , पतियों ने बीबियों के सर कलम कर दिए ,ताकि उन्हें उस वहसीयत का शिकार ना होना पड़े , इन सब में हमारी क्या गलती थी , अब भी हमारी क्या गलती है जब कोई लाल झंडा लेकर कोई काला , कोई भगवा लेकर ,कोई धरम के नाम पर ,कोई भाषा के नाम पर कोई छेत्र के नाम पर तो कोई बिना किसी नाम पर हमे अपना शिकार बना रहा है , मैं हजारों साल पहले भी आश्चर्य में था ,अब भी हूँ , मुझे आज तक समझ नहीं आया की मेरी गलती क्या थी , और अब भी मेरी गलती क्या है ? लेकिन फिर भी मैं था , हूँ , रहूँगा .
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दर्द
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2 comments:
Ultimate, simply amazing...Surely ur best post till date...keep the fire alive...
शिकार तो आम आदमी ही होता है हरदम हर युग में.
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